- LIC के आईपीओ का लंबे समय से इंतजार था
- सेबी ने इसके लिए ऑब्जर्वेशन लेटर जारी किया
- कमाई के लिए हो जाए तैयार
LIC के आईपीओ का लंबे समय से इंतजार कर रहे निवेशकों के लिए बहुत अच्छी खबर है। अब LIC IPO में आने वाली अटकलों पर लगभग विराम लग गया है। बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने LIC IPO को महज 22 दिनों में ही मंजूरी दे दी है। आमतौर पर मंजूरी मिलने में 75 दिन का समय लगता हैं। बताया जा रहा है कि सेबी ने इसके लिए ऑब्जर्वेशन लेटर जारी किया है।
60,000 करोड़ रुपये जुटाने का टारगेट
आपको बता दें कि इससे पहले सेबी (SEBI) ने किसी भी IPO को इतनी जल्दी मंजूरी नहीं दी थी। इसलिए उम्मीद है कि IPO अब रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते नहीं टलने वाला। दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बाजार में बिकवाली का माहौल है, जिसकी वजह से LIC IPO को अगले साल तक टालने की बात की जा रही थी। सरकार ने इस आईपीओ से 60,000 करोड़ रुपये जुटाने का टारगेट रखा है।
फरवरी में मार्केट रेगुलेटर के पास ड्राफ्ट पेपर्स जमा किए
गौरतलब है कि LIC ने अभी हाल में फरवरी में मार्केट रेगुलेटर के पास ड्राफ्ट पेपर्स जमा किए थे। इस ड्रॉफ्ट के अनुसार, LIC के कुल 632 करोड़ शेयर में 31,62,49,885 इक्विटी शेयर बेचने का सुझाव है। इसमें 50 प्रतिशत हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) के लिए आरक्षित होगा, जबकि गैर-संस्थागत खरीदारों के लिए यह 15 प्रतिशत होगा।
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बड़े इनवेस्टर की चिंता बढ़ी
बाजार में बिकवाली दिखने के कारण LIC के IPO में पैसे लगाने वाले बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक सरकार पर लिस्टिंग टालने का दबाव डाल रहे हैं। उनका कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अभी बाजार में बहुत उतार-चढ़ाव दिख रहा है. इसका असर एलआईसी के आईपीओ पर भी दिख सकता है।
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12 महीने तक वैध
अब LIC IPO को SEBI से मंजूरी मिलने के बाद, यह आईपीओ मंजूरी की तारीख से 12 महीने के समय के लिए वैध है। कैबिनेट की बैठक में LIC IPO को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया था। इसमें ऑटोमेटिक रूट से 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी दी गई थी। इस फैसले के बाद एलआई के प्रस्तावित आईपीओ में विदेशी निवेश का रास्ता खुल गया है। लेकिन, बाजार के गिरते माहौल को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने बाजार से अपने पैसे वापस लेना शुरू कर दिया है।